दुनिया के बड़े-बड़े शक्ति पीठो में से दूसरे नंबर पे आने वाला ये मंदिर "झारखण्ड" राज्ये के राजधानी "रांची" से कुछ ही दुरी 'रजरप्पा' में स्थित है| ऐसे भगवान् की पूजा जो की बिना सर (माथे) की है उनकी पूजा की जाती है यहाँ |
यहाँ बली दी जाती है और जिससे माता खुश होती है और अपने भगत की मनोकामना को पूरी करती है| रजरप्पा मंदिर में प्रतेक मंगलवार और शनिवार को विषेस प्रकार की पूजा की जाती है |
यह मंदिर दामोदर और भैरवी नदी के संगम पे बना हुआ है, जिसकी वजह से इस मंदिर की सुंदरता और भी जाएदा बढ़ जाती है| और यदि आप पिकनिक के लिए जाना चाहते हो तो आप यहाँ जा सकते है क्यूंकि यहाँ सभी प्रकार के होटल और दुकाने बानी हुवी है जिसकी वजह से यहाँ पुरे साल भर लोग आते है और मज़े करते है|
दुर्गा पूजा के समय यहाँ पुरे देश भर से जैसे- बिहार, यूपी, मध्ये प्रदेश, पश्रिम बंगाल, उड़ीसा छत्तीसगढ़ इत्यादि जगहों से लोग आते है और माता रानी की पूजा अर्चना करते है |
Rajrappa Temple History- रजरप्पा टेम्पल हिस्ट्री/ रजरप्पा मंदिर का इतिहास |
बताया जाता है की माँ भवानी अपनी दो सहेलियों के साथ भैरवी नदी पे स्नान (नहाने) करने आयी थी, स्नान करने के बाद उनके सहेलियों को भूख लग जाती है और वे भूख से काले पड़ने लग जाते है | फिर वे माँ भवानी से कहते है तो भवानी थोड़ा इन्तजार करने के लिए कहती है |
फिर थोड़ी देर बाद फिर से बोलते है और कहते है आप अपने भगतो की सुनते नहीं है माँ सबसे पहले सारा काम छोड़ के अपने संतान की सुनती है लेकिन आप ऐसा नहीं करते है |
इतना सुनने के बाद माँ भवानी को गुस्सा आ जाता है और वो अपना सर (माथा) काट देती है और उससे निकले वाले खून के तीन धाराओं में से दो अपने सेहलिओ को पिलआ है तथा एक खुद पि जाती है उस दिन से वहां पे माँ छिन्मस्तिके का मंदिर बना हुवा है |
पुराणों में लिखा है की रजरप्पा मंदिर का निर्माण अभी से लगभग 6000 सालो पहले हुवा था| यह मंदिर महाभारत के ज़माने का है | इस मंदिर को ले लार के पहले विषेसग्यो में हमेशा मतभेद होते रहते थे ऐसा पुराणों में लिखा हुवा है |
Rajrappa Temple Story In Hindi- रजरप्पा मंदिर की कहानी हिंदी में |
ये बात है साल 2017 की जनवरी की अंतिम माह की, 31 जनवरी 2017 के दिन एक (CRPF) फौजी ने वहां पूजा करने के बाद अपने खुद के गले को रेत के अपनी जान वहां के बली पड़ने वाले छेत्र में दे दी |
लोगो का कहना था की उसने माँ छिन्मस्तिके से वरदान माँगा था की वो यदि (CRPF) फौजी बन जाता है तो वो खुद की बली देगा उस मंदिर में इसलिए लोगो का कहना है की उसने खुद की बली दे दी |
और इसके बाद से ये रजरप्पा मंदिर की कहानी पुरे देश भर में चर्चित में होने लगा और रहता है |
Patna To Rajrappa- पटना से रजरप्पा की दुरी |
पटना से रजरप्पा की दुरी लगभग 305 किलोमीटर है | आप यदि अपनी निजी गाड़ी से जाते हो तो लगभग आपको 7 घंटे से भी जाएदा समय लग सकता है |
आप चाहे तो पटना से रांची के लिए हवाई यात्रा कर के भी यहाँ आसानी से पहुंच सकते हो | और यदि आप पैसल जाते हो तो आपको करीबन 4
दिन से भी जाएदा समय लग सकता है |
Ranchi To Rajrappa- रांची से रजरप्पा की दुरी |
रांची से रजरप्पा की दुरी करीबन 70 किलोमीटर है | यदि आप अपनी निजी गाडी या कैब से जाते हो तो आपको करीबन 2 घंटे का समय लगेगा और यदि आप पैदल यात्रा करते हो तो करीबन 15 घंटे (बिना रुके) से भी अधिक समय लग सकता है |
Rajrappa Waterfall- रजरप्पा का जल-प्रपात |
यह मंदिर दामोदर नदी और भैरवी नदी के संगम पे बानी हुवी है जिसकी वजह से वहां एक जल-प्रपात का निर्माण होता है |
जिसकी वजह से ये मंदिर देखने में बहुत जाएदा सुन्दर लगती है और पर्यटकों के मस्ती करने के लिए एक अच्छा जगह हो जाता है |
Rajrappa Temple Timings- रजरप्पा मंदिर का समय |
सोमवार- इस दिन आप सुबह 7 बजे से साम 5 बजे तक आप यहाँ पूजा कर सकते है |
मंगलवार- इस दिन आप सुबह 7 बजे से साम 5 बजे तक आप यहाँ पूजा कर सकते है |
बुधवार- इस दिन आप सुबह 7 बजे से साम 5 बजे तक आप यहाँ पूजा कर सकते है |
गुरुवार- इस दिन आप सुबह 7 बजे से साम 5 बजे तक आप यहाँ पूजा कर सकते है |
शुक्रवार- इस दिन आप सुबह 7 बजे से साम 5 बजे तक आप यहाँ पूजा कर सकते है |
शनिवार- इस दिन आप सुबह 7 बजे से साम 5 बजे तक आप यहाँ पूजा कर सकते है |
रविवार- इस दिन आप सुबह 7 बजे से साम 5 बजे तक आप यहाँ पूजा कर सकते है |
निष्कर्ष- दोस्तों आपको झारखण्ड के Rajrappa Temple- रजरप्पा मंदिर के बारे में जान कर के कैसा लगा??
हमें कमेंट कर के जरूर बताये|
धन्यवाद…….
0 Comments